
This experiment was conducted under the guidance of Mr. Devendra Kumar Sahu
उद्देश्य: इस प्रयोग का उद्देश्य लैक्टोमीटर का उपयोग करके दूध की शुद्धता का निर्धारण करना है। इसके साथ ही दूध के घनत्व के आधार पर उसमें पानी की मिलावट का पता लगाना है।
सामग्री:
इस प्रयोग को करने के लिए हमें निम्न सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी
1.लैक्टोमीटर
2.दूध (शुद्ध और मिलावटी दोनों प्रकार)
3.मापक सिलेंडर या गहरा बर्तन (जिसमें लैक्टोमीटर तैर सके)
4.थर्मामीटर (दूध के तापमान की जांच के लिए)
सिद्धांत:
दूध की शुद्धता जाँचने के लिए दूध के घनत्व का मापन लैक्टोमीटर की मदद से किया जाता है। घनत्व (Density) को परिभाषित किया जाता है:
घनत्व=द्रव्यमान/आयतन
दूध का सामान्य घनत्व लगभग 1.028 से लेकर 1.032 ग्राम/मिलीलीटर के बीच तक होता है। यदि घनत्व इस सीमा से कम होता है, तो इसका मतलब है कि दूध में पानी अधिक मिलाया गया है। लैक्टोमीटर दूध में तैरता है और इसी सिद्धांत के आधार पर उसकी तैरने की क्षमता बदलती है।
प्रक्रिया:
1.सबसे पहले दूध को हम सामान्य तापमान (लगभग 20°C) पर लाएंगे यह सुनिश्चित करेंगे कि दूध में कोई ठोस सामग्री या क्रीम न हो।कच्चा दूध इस्तेमाल करेंगे तो और अछा है .
2.मापक सिलेंडर में दूध 100 ml तक डालेंगे । ध्यान रहे दूध में कोई अशुधि ना रहे । दूध में मलाई ना रहे ।
3.लैक्टोमीटर को धीरे-धीरे दूध में डालें। इसे बिना हिलाए तैरने दें। ध्यान दें कि लैक्टोमीटर एक विशेष बिंदु पर तैरना शुरू करेगा।
4.जब लैक्टोमीटर स्थिर हो जाए, तो स्केल पर उस बिंदु को पढ़ें, जहाँ दूध की सतह लैक्टोमीटर से मिलती है।
5.इस रीडिंग को नोट करें।
6.यदि निशान बिंदु १/4 है तो इसका मतलब है पानी 25 प्रतिशत और दूध 75 प्रतिशत है, यदि निशान बिंदु १/3 है तो इसका मतलब है पानी 25 प्रतिशत और दूध 75 प्रतिशत है
7.
।, तो दूध शुद्ध है। यदि यह रीडिंग 1.028 से कम है, तो दूध में पानी की मिलावट हो सकती है।
8.आप विभिन्न दूध के नमूनों (जैसे बाजार से खरीदे गए दूध, ताजे दूध) पर यह प्रयोग कर सकते हैं और उनके घनत्व की तुलना कर सकते हैं।
परिणाम:
लैक्टोमीटर के द्वारा मापी गई रीडिंग से यह पता चलता है कि दूध में पानी की मिलावट है या नहीं। यदि रीडिंग सामान्य सीमा में है, तो दूध शुद्ध है। अन्यथा, पानी की मिलावट का अंदेशा है।
निष्कर्ष:
लैक्टोमीटर दूध के घनत्व के आधार पर उसकी शुद्धता की जांच का एक सरल और प्रभावी तरीका है। इससे दूध में पानी की मिलावट का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
सावधानियाँ:
- दूध को सामान्य तापमान पर लाएं क्योंकि तापमान घनत्व पर प्रभाव डाल सकता है।
- लैक्टोमीटर को दूध में धीरे-धीरे डालें ताकि रीडिंग सटीक हो।